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क्या संस्कृत विद्यालयो एंव महाविद्यालयो में केवल संस्कृत विषय ही पढाये जाते है।
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जी नही। संस्कृत विद्यालयो एंव महाविद्यालयो में संस्कृत विषय के साथ कला वर्ग के अन्य
आधुनिक विषय भी पढाये जाते है। उच्च माध्यमिक से लेकर शास्त्री स्तर तक कला वर्ग के
आधुनिक विषयो का अध्ययन व अध्यापन कराया जाता है । आचार्य (स्नातकोत्तर) स्तर पर केवल
संस्कृत विषय ही पढाये जाते हे । |
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प्रवेशिका , वरिष्ठ उपाध्याय , शास्त्री ,आचार्य एंव शिक्षा शास्त्री क्या है तथा इनकी
समकक्षता की स्थिति क्या है ।
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उपरोक्त सभी संस्कृत की परीक्षाएं है। माध्यमिक शिक्षा बोर्ड अजमेर एंव राज्य सरकार
द्वारा इन परीक्षाओ को निम्नानुसार समकक्षता प्राप्त है।
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नाम परीक्षा |
समकक्षता |
परीक्षा संचालन करने वाली संस्था |
प्रवेशिका
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सैकेण्ड्री |
माध्यमिक शिक्षा बोर्ड राजस्थान, अजमेर |
वरिष्ठ उपाध्याय |
सीनियर सैकेण्ड्री |
माध्यमिक शिक्षा बोर्ड अजमेर |
शास्त्री |
स्नातक
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जे. आर. आर.संस्कृत विश्वविद्यालय , जयपुर
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आचार्य
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स्नातकोत्तर |
जे. आर. आर.संस्कृत विश्वविद्यालय, जयपुर
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शिक्षा शास्त्री |
शिक्षा स्नातक
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जे. आर. आर.संस्कृत विश्वविद्यालय , जयपुर
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विद्यावाचस्पति |
डी. लिट |
जे. आर.आर.संस्कृत विश्वविद्यालय , जयपुर
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विद्यावारिधी |
पी. एच. डी. |
जे. आर. आर.संस्कृत विश्वविद्यालय , जयपुर
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संस्कृत विद्यालय एंव महाविद्यालयो मे संस्कृत के अतिरिक्त कौन कौन से विषय पढाये जाते
है।
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संस्कृत विद्यालय एंव महाविद्यालयो में
संस्कृत के साथ साथ हिन्दी, अंग्रेजी , राजनैतिकविज्ञान , इतिहास , विज्ञान एवं माध्यमिक
शिक्षा बोर्ड राजस्थान तथा ज0रा0रा0 संस्कृत विश्वविद्यालय
द्वारा निर्धारित सभी आधुनिक विषय पढाये जाते है। विषय के बारे मे विस्तृत जानकारी
के लिए होम पेज के अकेडमिक मे सब्जेक्ट लिंक पर देखे।
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क्या संस्कृत महाविद्यालयो मे केवल संस्कृत विषय के शिक्षको की भर्ती की जाती है। |
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जी नही । संस्कृत विद्यालयो एंव महाविद्यालयो में आधुनिक विषयों के शिक्षको की भी भर्ती
की जाती है। तृतीय श्रेणी शिक्षको से लेकर व्याख्याताओ एंव प्रोफेसर स्तर तक की भर्ती
प्रक्रिया राज. लोक सेवा आयोग , अजमेर द्वारा की जाती है । शिक्षको की योग्यताओ के
लिए होम पेज के एक्ट एण्ड रूल्स के लिंक पर देखे।
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आधुनिक युग में संस्कृत का क्या महत्व है।
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संस्कृत एक शुद्व एंव परिमार्जित भाषा है, जो व्याकरण सम्बधित सभी दोषो से रहित है
संस्कृत भाषा की शब्द सर्जन क्षमता अपार एंव असीमित है । यही कारण है कि कम्प्यूटर
प्रोग्रामिंग के लिए इसे सर्वश्रेष्ट भाषा माना गया हैं
द्वन्द एंव त्रासदी सें ग्रस्त आज के विश्व
को शांति एंव सोहार्द्र की नितान्त आवश्यकता
है संस्कृत ही वह भाषा है जो `वसुधैव कुटुम्बकम` की भावना से ओतप्रोत है
तथा जो सम्पूर्ण विश्व को एक सूत्र मे
पिरोकर रख सकती है ।
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